Friday, January 26, 2018

Water saving poem

जल संरक्षण पर स्लोगन & कविता  

जीवन का आधार है जल,
आज भले  अज्ञान हैं हम
दुरुपयोग होता है ,इसका हर पल,
व्यर्थ खुले रहते हैं नल
अंधकार मे हैं हम सबका कल
गर्मी से तड़पते दम तोड़ते हैं वनचर,
प्रदूषित जल आज बन चूका है ज़हर,
बिमारियों में उलझा हर गली और शहर,
हर ओर छा चूका यह कहर
इन समस्याओं का एक ही समाधान
जल की स्वच्छता का रखें ध्यान,
आये इस प्रण में कोई व्यवधान,

सकुशल हो हर जीव के प्राण

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